TOP GUIDELINES OF WHAT IS TODAY'S BIGGEST BOLLYWOOD NEWS IN HINDI

Top Guidelines Of what is today's biggest Bollywood news in Hindi

Top Guidelines Of what is today's biggest Bollywood news in Hindi

Blog Article

हंस और हंसिनी को भटकते-भटकते रात हो गयी, तो हंस ने हंसिनी से कहा देखो रात भी गई इसलिए हम किसी भी तरह यहाँ आज की रात बिता लेते हैं, फिर सुबह होते ही यहाँ से चले जायेंगे। 

उन्होंने गाँधी जी को संकेत कर बगल वाले छात्र से नक़ल कर वर्तनी ठीक लिखने को कहा. किन्तु गाँधी जी ऐसा कहाँ करने वाले थे.

वह व्यक्ति नाटक देखने के लिए वहीँ बैठ गया व देखते ही देखते वह राजमहल जाकर धन लाने की बात को भूल गया। जब नाटक समाप्त हुआ तब उसे धन वाली बात याद आयी और वह दौड़ते भागते राजमहल के पास पंहुचा अफसोस दिया हुआ समय निकल चूका था सूर्य अस्त हो चुकी थी। 

परन्तु दरिद्र व्यक्ति ने आज बहुत दिनों बाद डट कर खाना खाया था, उसे खाना खाते ही आलश्य आ गया उसने सोंचा कि थोड़ी देर में जाकर सोना ले आऊंगा अभी थोड़ा आराम कर लेता हूँ अतः वह आराम करने के लिए टेल गया। व्यक्ति गहरी नींद का आनंद लेने लगा, जैसे-तैसे करके उसकी पत्नी ने उसे उठाया और राजमहल की तरफ रवाना कर दिया। 

यहाँ हर कोई अपना उल्लू सीधा करने में लगा है – ज्ञानवर्धक प्रेरणादायक प्रेरक प्रसंग

kaise pada hanuman ka naam hanuman

एक अकेला हाथी दोस्तों की तलाश में जंगल भटक गया। वह एक बंदर के सामने गया और पूछा, “क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे, बंदर?

'नहीं भाई, मैं भेंट में नहीं लूँगा', शास्त्रीजी स्पष्ट बोले।

तेनालीराम और सोने के आम – तेनालीराम की कहानी

गाँधी जी की बात सुनकर आनंद स्वामी को अपनी गलती का अहसास हुआ. उन्होंने उस आम आदमी से इस बात को लेकर माफ़ी मांगी.

दोस्तों “आम का मोह” कहानी का तात्पर्य या प्रेरणा, सन्देश यह है कि जरुरत से ज्यादा मोह आपको व्यर्थ बना सकता है, वो कहते हैं ना कि कही पहुंचे के लिए कही से निकलना बहुत जरुरी होता है।

गुरूजी की इस बात को सुनकर एक शिष्य ने जो गुरूजी के पास काफी लम्बें समय से रहता था और वह अपने आप को बहुत ही ज्ञानवान भी समझता था उसने सवाल किया – गुरूजी आप मुझे बताइये की चाँद में दाग क्यों होता है ?

उनके ऐसे ही न जाने कितने प्रेरक प्रसंग हैं, जो न केवल इन्सानियत और मानवता का पाठ पढ़ाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि जनता के एक प्रतिनिधि का स्वरूप कैसा होना चाहिए।विराट हृदय वाले शास्त्री जी अपने देश के लोगों के विकास और वतन की शांति की स्थापना के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। उन्हें कभी भी किसी पद या सम्मान की लालसा नहीं रही। उनके राजनीतिक जीवन में अनेक ऐसे अवसर आए,जब शास्त्री जी ने read more इस बात का सबूत दिया कि देश और मानव सेवा ही उनका उद्देश्य है और इस तरह लोगों के समक्ष कई प्रेरणादायी उदाहरण रखे। उनके विषय में यह कहा जाता है कि वह अपना त्यागपत्र सदैव अपनी जेब में रखते थे। ऐसे निःस्पृह व्यक्तित्व के धनी,शास्त्री जी भारत माता के सच्चे सपूत थे।

राजा वह पत्थर देख बहुत प्रसन्न हुआ. उसने उस पत्थर से भगवान विष्णु की प्रतिमा का निर्माण कर उसे राज्य के मंदिर में स्थापित करने का निर्णय लिया और प्रतिमा निर्माण का कार्य राज्य के महामंत्री को सौंप दिया.

Report this page